अब भारत में भी सौर ऊर्जा से पटरियों पर दौड़ेगी रेलगाड़ी

जयपुर : अब वह दिन दूर नहीं जब देश में सौर ऊर्जा से संचालित ट्रेनें पटरियों पर दौड़ेंगी। इससे जहां भारतीय रेल को भारी भरकम डीजल की खपत से छुटकारा मिलेगा वहीं पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह मील का पत्थर साबित होगी। भारतीय रेलवे ने इसकी शुरुआत कर दी है।
सौर ऊर्जा से ट्रेन चलाने के लिए रेलवे तीस सोलर ट्रेनें तैयार करा रहा है। इनमें से एक-एक ट्रेन जयपुर, जोधपुर और पंजाब के अमृतसर में तैयार की जा रही हैं। इनका निर्माण लगभग अंतिम चरण में है और जल्द ही ट्रायल की तैयारी है। रेलवे के जोधपुर वर्कशॉप में आठ डिब्बों की एक सोलर ट्रेन तैयार हो गई है। ट्रेन में डिब्बों की छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। ट्रेन के लाइट और पंखों को इन सोलर पैनलों से जोड़ा जाएगा और हर डिब्बा तीन सौ वॉट सौर ऊर्जा पैदा करेगा। रेलवे बोर्ड ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत जोधपुर वर्कशॉप को 1.95 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट दिया था। इसके तहत सोलर पैनल वाले 50 कोच बनने हैं। फिलहाल इन्हें साधारण ट्रेन में इस्तेमाल किया जा रहा है। बाद में एसी कोच में इन्हें इस्तेमाल किया जाएगा।
ट्रेन पर सोलर पैनल लगा रही कंपनी स्ट्रॉलर माउंटिंग सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हर्षल अखोरी ने बताया कि देश में ऐसी तीस ट्रेनें तैयार हो रही हैं। इनमे से सबसे ज्यादा 22 ट्रेनें जयपुर में तैयार होंगी। इसके अलावा छह पंजाब में और दो या तीन ट्रेनें जोधपुर में बनेंगी। इस परियोजना पर करीब डेढ़ साल पहले काम शुरू हुआ था। एक पैनल पर करीब सवा दो लाख रुपये की लागत आती है, लेकिन इससे काफी बचत होगी।


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