तमसा नदी को निर्मल बनाए रखनें के लिए नालों के प्रदूषित जल को ट्रीटमेंट के बाद नदी में छोड़ा जायेगा

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति की बैठक संपन्न

फास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो

मऊ। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय गंगा समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान डीएफओ पीके पांडे ने बताया की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT)के निर्देश के क्रम में जनपद में प्रवाहित नदियों में अब ट्रीटमेंट के उपरांत ही जल को छोड़ जाना है, जिसके लिए एसटीपी एवं डीएसटीपी का निर्माण किया जाना आवश्यक है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतो से नदी में गिरने वाले नालों की संख्या के बारे में जानकारी ली। नगर पालिका परिषद से कुल 13 नाले तमसा नदी में गिरते हैं।इसके अलावा नगर पंचायत कुर्थी जाफरपुर से दो, वलीदपुर से दो तथा दोहरीघाट नगर पंचायत से चार नाले तमसा नदी में प्रभावित होते हैं। इन समस्त नालों से गिरने वाले पानी को ठीक ढंग से प्रदूषण रहित किए बगैर ही तमसा नदी में गिराया जाता है। जिलाधिकारी ने समस्त अधिशासी अधिकारियों को जागरुक होकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद को एसटीपी हेतु जमीन चिन्हित करने को कहा। आवश्यक होने पर डीएसटीपी हेतु कम से कम तीन स्थलों का चिन्हीकरण कर जल निगम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे इनका निर्माण कर नदी में गिरने वाले पानी को प्रदूषण रहित बनाकर नदी में गिराया जा सके। उन्होंने अधिशासी अधिकारी जल निगम को जमीन की उपलब्धता के तत्काल उपरांत डीपीआर तैयार करने के भी निर्देश दिए जिससे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करते हुए तमसा नदी को निर्मल बनाया जा सके। जिलाधिकारी ने नालों से नदी में गिरने वाले पानी को ट्रीटमेंट कर नदी में गिराने हेतु तत्काल सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए समस्त अधिशासी अधिकारियों एवं अधिशासी अभियंता जल निगम को आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ करने को कहा। बैठक के दौरान अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद दिनेश कुमार, अधिशासी अभियंता जल निगम शहरी के अलावा समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत उपस्थित रहे।


फेसबुक पेज

अन्य समाचार