Ghosi Loksabha Election: तीनो कद्दावर मंत्री अपनी इज्जत बचाने में रहे नाकामयाब
अपनी जाति के 40 प्रतिशत मतादताओ का वोट भी एनडीए प्रतिशत को नही दिला पाए।
फास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो
मऊ । जिले के तीन-तीन मंत्री एनडीए प्रत्याशी को जिताने में लगे रहे लेकिन तीनों ही मंत्री अपने ही जाति का वोट दिलाने में नाकामयाब रहे और वहीं सपा के राजीव राय सभी जाति वर्ग का वोट अपने पाले में डालने में कामयाब रहे । जिसका नतीजा यह हुआ कि राजीव राय बंपर मतों से जीतकर यह साबित कर दिया कि घोसी लोकसभा में जनता ने इनको स्वीकार कर लिया है । ऐसे में राजीव राय की जीत एक अतुलनीय जीत मानी जा रही है। क्योंकि अब तक के चुनाव में राजीव राय ने जो जीत हासिल की है। वह सबसे अधिक मतों से जीतने वाले सांसद बन गए हैं।
लेकिन सबसे विचारनीय प्रश्न यह है कि भाजपा पार्टी हो या समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी हो जातिगत आंकड़ों के आधार पर ही लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो टिकट का बंटवारा जातिगत आंकड़ों के आधार पर ही करती है। ऐसे में जिले के तीन-तीन कद्दावर मंत्री जो उत्तर प्रदेश सरकार में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं और बड़े-बड़े मंत्रालयों के मंत्री भी हैं। लेकिन अपनी जाति का वोट एनडीए प्रत्याशी को नहीं दिला पाए। यह एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है। भाजपा के उच्च पदाधिकारियों को इस विषय पर अवश्य मंथन करना चाहिए व विचार करना चाहिए कि ऐसे लोगों को मंत्री क्यों बना देते हैं। जो अपने समाज का भी वोट पार्टी के प्रत्याशियों को नहीं दिला पाते हैं। ऐसे में ऐसे मंत्रियों के रहने से सरकार को क्या फायदे हैं। चुनाव के समय जब इनको अपना कर्तव्य निभाना होता है तो यह नहीं निभा पाते हैं। ऐसे मंत्रियों का अपने समाज पर ही कोई पकड़ नही है। काम लेने के लिए तो उनके समाज के लोग इनके आगे पीछे बहुत घूमते रहते है। लेकिन जब वही वोट देने की बात आती है तो इनके समाज के लोग भाजपा को वोट नही देते है।
यह कोई पहली बार नही हुआ है। पिछले 2022 विधानसभा तथा 2019 लोकसभा चुनाव में भी यही हुआ था। जो इस बार हुआ है।
ऐसे में यह भाजपा के लिए बहुत ही विचारणीय प्रश्न है जिसे हर पहलुओं की समीक्षा करनी चाहिए।
वही सुभासपा प्रत्यासी अरविंद राजभर ने सपा प्रत्यासी राजीव राय को जीत के लिए बधाई दिया तथा घोसी लोकसभा में विकास के लिए हर कदम पर साथ देने का दावा किया है।