घोसी लोकसभा से सपा प्रत्यासी राजीव राय की हुई प्रचंड जीत।

दूसरे स्थान पर अरविंद राजभर तथा तीसरे स्थान पर बालकृष्ण चौहान रहे।

मऊ।उत्तर प्रदेश के घोसी लोकसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी राजीव राय भारी मतों से विजई हुए ।इनके जीत के बाद सपा समर्थकों में काफी उत्साह है
खबर लिखे जाने तक सपा प्रत्यासी राजीव राय को 4,98,605 वोट मिला। सुभासपा प्रत्यासी अरविंद राजभर को - 3,36,754 वोट मिले । वही बसपा के बालकृष्ण चौहान को- 2,07,662 वोट मिला तथा मूलनिवासी समाज पार्टी से लीलावती राजभर को -32784 मिला। अर्थात सपा के राजीव राय 1,61,851 वोटों से आगे चल रहे है। आपको बता दें कि मऊ जिले में सपा से राजीव राय व एनडीए समर्थित प्रत्याशी सुभासपा से अरविंद राजभर तथा बसपा से बाल कृष्ण चौहान चुनाव लड़ रहे थे ।लेकिन जब से चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल हुआ। तब से ही चुनावी सिरगर्मी तेज हुई और तीनों प्रत्याशियों ने विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ा और तरह-तरह के जिले में विकास करने के वायदे किए। वहीं एनडीए समर्थित प्रत्याशी अरविंद राजभर के पिता मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी गली एव नुक्कड़ तथा चट्टी चौराहों पर घूम घूम कर प्रचार किया । तो वहीं अंत समय में मंत्री एके शर्मा भी अपने समाज के लोगों के बीच जाकर प्रचार किया। लेकिन उसका लाभ एनडीए प्रत्याशी को नहीं मिला। क्योंकि भूमिहार समाज के 90% लोगों ने सपा के राजीव राय को वोट दिया। वहीं बसपा से बाल कृष्ण चौहान चुनाव लड़ रहे थे तो वहीं चौहान समाज के बड़े नेता एव मंत्री दारा चौहान भी प्रचार में आए। लेकिन वह भी अपने चौहान समाज का 50 प्रतिशत वोट भी सुभासपा प्रत्याशी अरविंद राजभर को नही दिला पाए। ऐसे में तीनो मंत्री अपने ही समाज का वोट एनडीए प्रत्यासी अरबिंद राजभर को दिलाने में नाकामयाब रहे।
यू कह लीजिए की जिले के तीन-तीन मंत्री एनडीए प्रत्याशी को जिताने में लगे रहे लेकिन तीनों ही मंत्री अपने ही जाति का वोट दिलाने में नाकामयाब रहे और वहीं सपा के राजीव राय सभी जाति वर्ग का वोट अपने पाले में डालने में कामयाब रहे । जिसका नतीजा यह हुआ कि राजीव राय बंपर मतों से जीतकर यह साबित कर दिया कि घोसी लोकसभा में जनता ने इनको स्वीकार कर लिया है । ऐसे में राजीव राय की जीत एक अतुलनीय जीत मानी जा रही है। क्योंकि अब तक के चुनाव में राजीव राय ने जो जीत हासिल की है। वह सबसे अधिक मतों से जीतने वाले सांसद बन गए हैं।
लेकिन सबसे विचारनीय प्रश्न यह है कि भाजपा पार्टी हो या समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी हो जातिगत आंकड़ों के आधार पर ही लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो टिकट का बंटवारा जातिगत आंकड़ों के आधार पर ही करती है। ऐसे में जिले के तीन-तीन कद्दावर मंत्री जो उत्तर प्रदेश सरकार में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं और बड़े-बड़े मंत्रालयों के मंत्री भी हैं। लेकिन अपनी जाति का वोट एनडीए प्रत्याशी को नहीं दिला पाए। यह एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है। भाजपा के उच्च पदाधिकारियों को इस विषय पर अवश्य मंथन करना चाहिए व विचार करना चाहिए कि ऐसे लोगों को मंत्री क्यों बना देते हैं। जो अपने समाज का भी वोट पार्टी के प्रत्याशियों को नहीं दिला पाते हैं। ऐसे में ऐसे मंत्रियों के रहने से सरकार को क्या फायदे हैं। चुनाव के समय जब इनको अपना कर्तव्य निभाना होता है तो यह नहीं निभा पाते हैं। ऐसे मंत्रियों का अपने समाज पर ही कोई पकड़ नही है। काम लेने के लिए तो उनके समाज के लोग इनके आगे पीछे बहुत घूमते रहते है। लेकिन जब वही वोट देने की बात आती है तो इनके समाज के लोग भाजपा को वोट नही देते है।
यह कोई पहली बार नही हुआ है। पिछले 2022 विधानसभा तथा 2019 लोकसभा चुनाव में भी यही हुआ था। जो इस बार हुआ है।
ऐसे में यह भाजपा के लिए बहुत ही विचारणीय प्रश्न है जिसे हर पहलुओं की समीक्षा करनी चाहिए।
वही सुभासपा प्रत्यासी अरविंद राजभर ने सपा प्रत्यासी राजीव राय को जीत के लिए बधाई दिया तथा घोसी लोकसभा में विकास के लिए हर कदम पर साथ देने का दावा किया है।


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