संग्रह अमीन निलंबित,नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिश जारी
67 लाख के बकायेदार राइसमिल संचालक ने कुर्क जमीन पर पुनः बना दिया राइसमिल
लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई इस कार्यवाही ने एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है
क्या इस लापरवाही के लिए केवल अमीन व नायब तहसीलदार ही जिम्मेदार है?
क्या लेखपाल,कानूनगो ,तहसीलदार व एसडीएम इसके लिए जिम्मेदार नही है?
लेखपाल ,कानूनगो ,तहसीलदार व एसडीएम क्षेत्र का भ्रमण आखिर समय रहते क्यो नही करते है?
फ़ास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो
मऊ। जिलाधिकारी अरुण कुमार के निर्देश पर राजस्व वसूली प्रक्रिया में घोर लापरवाही बरतने पर संबंधित संग्रह अमीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उप जिलाधिकारी सदर ने निलंबित कर आरोप पत्र निर्गत कर दिया है। साथ ही संबंधित नायब तहसीलदार रतनपुरा को भी तीन दिवस के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश उप जिलाधिकारी सदर द्वारा दिए गए है।
ज्ञातव्य है कि दिनांक 15 जून को "एसडीएम की छापेमारी में करोड़ों का बकायेदार मिला मृतक नामक शीर्षक के तहत छपी खबर को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी भानु प्रताप सिंह को इस संबंध में तत्काल विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी द्वारा उप जिलाधिकारी सदर को अखबार में छपी खबर क्रमशः एसडीएम की छापेमारी में करोड़ों का बकायेदार मिला मृतक तथा विकासखंड परदहां के चक बभनीभार में लगभग ₹67 लाख के बकाए दार महावीर राइस मिल के मालिक बृजभान जायसवाल की कुर्क मिल की जमीन पर एक दूसरी मिल बनाने के मामले में संबंधित संग्रह अमीन एवं नायब तहसीलदार के खिलाफ तत्काल कठोरतम विभागीय कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था।
ज्ञातव्य है कि रतनपुरा विकासखंड में दुर्गा राइस मिल के मालिक अंबिका यादव पर खाद्य एवं रसद विभाग का लगभग एक करोड़ 28 लाख रुपए का बकाया था। लंबे अरसे से अंबिका यादव द्वारा बकाया धन जमा नहीं कराया जा रहा था। बुधवार को जब मौके पर राजस्व टीम के साथ स्वयं उप जिलाधिकारी सदर पहुंचे तो पता चला कि मिल मालिक अंबिका यादव की मृत्यु दिनांक 22.4.2021 को ही हो गई थी, जिसकी सूचना संबंधित संग्रह अमीन अथवा नायब तहसीलदार द्वारा उच्च अधिकारियों को अब तक नहीं दी गई थी।इस प्रकार राजस्व वसूली प्रक्रिया में संबंधित संग्रह अमीन जितेंद्र सिंह एवं नायब तहसीलदार रतनपुरा विनोद यादव द्वारा घोर लापरवाही बरती गई थी, जिस को संज्ञान में लेते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई।
लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई इस कार्यवाही ने एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है
क्या इस लापरवाही के लिए केवल अमीन व नायब तहसीलदार ही जिम्मेदार है?
क्या लेखपाल,कानूनगो ,तहसीलदार व एसडीएम इसके लिए जिम्मेदार नही है?
लेखपाल ,कानूनगो ,तहसीलदार व एसडीएम क्षेत्र का भ्रमण आखिर समय रहते क्यो नही करते है?