रतनपुरा में परीक्षा केन्द्र के बाहर मिला चिट :खुलकर हुयी नक़ल

अध्यापक के बयान ने मऊ के जिला प्रशासन की खोली पोल

पोल -पट्टी खुलने के भय से जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रेस प्रतिनिधियों को परीक्षा केंद्र में जाने से रोका

फ़ास्ट इण्डिया न्यूज ब्यूरो

मऊ । जनपद में हो रही यू० पी० बोर्ड की परीक्षा की पोल शनिवार को गणित के द्वितीय प्रश्न पत्र के पेपर के दिन जिला प्रशासन की तब पोल खुल गयी । जब हुआ यूं की शनिवार करीब 3. 30 बजे श्री महेश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ढैचा रतनपुरा मऊ के विद्यालय में खुलेआम हो रही नक़ल व स्कूल के बाहर परीक्षार्थियों द्वारा चिटिंग करने के उपरांत फेंकी हुयी चिट कैमरे में कैद हो गयी । जिसके बारे में परिक्षा केन्द्र पर ड्यूटी कर रहे अध्यापक शशिकांत पाण्डेय ने अपने बयान में कहा की जब ऊपर के अधिकारी परिक्षा केंद्र बनाने के लिए एक मोटी रकम लेते है । और दूसरी तरफ परीक्षार्थियों को मेरिट बनाने के लिए नक़ल की आवश्यकता है । क्योकि नक़ल नहीं होगा तो इनकी मेरिट अच्छी नहीं बनेगी । और मेरिट अच्छी नहीं बनेगी तो नौकरी नहीं मिलेगी । और नक़ल तो शहर के आस -पास स्थित एडेड विद्यालयों पर ही परिक्षा के दौरान नक़ल नहीं हो रही होगी बाकी जिले के सभी परिक्षा केन्द्रो पर खुलेआम नक़ल हो रही है । और इस नक़ल को सरकार यदि समाप्त करना चाहती है तो मेरिट की व्यवस्था समाप्त करनी होगी ।

जिला प्रशासन की खुली पोल

एक तरफ जिले के आला अधिकारी नक़ल विहीन परिक्षा होने का दावा करते है वही दुसरी तरफ परीक्षा केन्द्रो में खुलकर हो रही नक़ल का फोटो व् परीक्षा केंद्र के बाहर फेका हुआ चिट मिला। उक्त परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी दे रहे शशिकांत पाण्डेय जो वर्तमान में बापू इंटर कालेज कोपागंज में सहायक अध्यापक है ।जिन्होने अपने बयान में जिले के आला अधिकारियों पर आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र बनाने से लेकर परीक्षा पूरा कराने तक जितने मजिस्ट्रेट आते है । सबकी जेब गरम करनी पड़ती है ।

पोल -पट्टी खुलने के भय से जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रेस प्रतिनिधियों को परीक्षा केंद्र में जाने से रोका

हो रही नक़ल व् लेन -देन की पोल पट्टी न खुले इसके भय से जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों से कह डाला है कि किसी भी प्रेस प्रतिनिधि को परीक्षा केंद्र में घुसने नही दिया जाय । जबकि शासनादेश में प्रेस प्रतिनिधियों को परीक्षा केंद्र में जाने से कही भी नहीं रोका गया है । ऐसे में यदि प्रेस प्रतिनिधियों को अंदर जाने से रोका जा रहा है तो स्पस्ट है अध्यापक के बयान में सारी हकीकत छिपी हुयी है ।

आखिरकार ऐसे में जब जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा स्वय विद्यालयों से पैसा लेकर परीक्षा केन्द्र बनाया जाता है । और परिक्षा के दौरान भी परीक्षा केन्द्रो पर पहुंच वसूली की की जाती है तो ऐसे में शिक्षा माफियो का मनोबल तो बढ़ना लाजमी है ।


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