मऊ: डाक्टर बना शैतान, नशे में महिला के साथ की छेड़खानी

•हवस का पुजारी है ये डॉक्टर
•डॉक्टर ने इलाज़ के बहाने जननांगों पर फेरा हाथ
•आँखों में हवस ,हाथों में जाम
•महिला के इलाज़ से पहले पिया चार पेग वोडका
•महिला के शोर मचाने पर अगल बग़ल के लोगों ने डॉक्टर के चंगुल से छुड़ाया
•जिले में है ऐसे अवैध क्लिनिकों की भरमार
•कई दागी डॉक्टर कर रहे हैं इस तरह की प्रैक्टिस
•जिले के ऐसे सैकड़ो फर्जी हॉस्पिटल के संचालको पर कब होगी कार्यवाही

फ़ास्ट इण्डिया न्यूज ब्यूरो

मऊ। कहते है डॉक्टर भगवन का रूप होता है लेकिन जब हैवान का रूप धारण कर लेता है तो लोगो को डॉक्टर के नाम से चीड़ होने लगती है। ऐसा ही मामला सामने आया है मऊ जिले के थाना सरायलखन्सी क्षेत्र के नरई बाध में स्थित आँचल हॉस्पिटल में देखने को मिला । जहा महिला अपना इलाज कराने डॉक्टर अखिलेश के पास पहुची तो वहाँ पर डॉक्टर अरविन्द सिंह जो की गाजीपुर से मऊ आये हुए थे। वह भी वही मौजूद थे । चेकअप के बहाने महिला के साथ छेड़खानी करने लगे , जब महिला ने इसका विरोध किया और फिर हवस के पुजारी डॉक्टर ने महिला की एक न सुनी और उसके साथ ज़बरदस्ती करने लगा। महिला के शोर मचाने पर लोग डॉक्टर के चैम्बर में घूस गए और डॉक्टर को पकड़ कर जमकर पिटा और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस मामले को संज्ञान में लेकर आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ मामला मुकदमा दर्ज कर जाच में जुटी पुलिस । महिला की माने तो डॉक्टर अरविन्द सिंह और डॉक्टर अखिलेश नशे की हालात में थे और हमारा इलाज करने के बजाय छेड़खानी करने लगे ।

आपको बता दू कि यह घटना कोई पहली बार नही है इस फर्जी हॉस्पिटल व इसके संचालक के खिलाफ पूर्व में भी कई बार सरायलखन्सी थाने में मुकदमा पंजीकृत हो चूका लेकिन मामला ठण्डे बस्ते में पड़ जाता है। यही नही इस हॉस्पिटल पर जिन गर्भवती महिलाओ का प्रसव कराया जाता है इनका प्रसव कोई महिला डाक्टर नही करती बल्कि ये ही पुरूष डाक्टर ही अक्सर करते है। और इनके हॉस्पिटल पर महिलाओ को प्रसव पूर्व ले जाने का काम कोई और नही करता है बल्कि जिला अस्पताल में कार्यरत सरकारी नर्श ही करती है। जिनका प्रति महिला के पीछे कमीशन फिक्स रहता है।

कौन करता है इनकी पैरवी

आपको जानकर बड़ा दुःख होगा कि जो इन फर्जी क्लीनिक संचालको की पैरवी करता है वह कोई और नही कमीशनखोर मेडिकल स्टोर संचालक ही है इनकी पैरवी करना तब शुरू कर देते जब ये किसी न किसी जघन्य अपराध में फसते नजर आते है। यही नही ये मेडिकल स्टोर संचालक अपने कमीशन भरी दवाओ को मरीजो को लिखने के लिये इन डाक्टरों को इनकी घरो की शोभा बढ़ाने वाली चीजे टीवी, फ्रीज, कूलर, एसी से लेकर हर जरूरत भरी चीजो की भरपाई करते है।

लाख शिकायत के बावजूद क्यों नही होती कार्यवाही

समाजसेवी कमलेश कुमार सिंह, सिद्धार्थ सिंह, मनोज कुमार, रामप्रवेश सिंह , सुधीर सिंह , राजेश सिंह, अजय सिंह गुड्डू , अवधेश आदि का कहना है कि इन फर्जी हास्पिटलों के बारे में अनेको बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहाँ शिकायत तो पड़ती रहती है लेकिन ये साहब भी अपनी जेब गरम करते हुये मामले को ठण्डे बस्ते में डाल देते है।

ऐसे सैकड़ो चल रहे फर्जी अस्पताल

जी हां यह बात सही है कि मऊ जिले में ऐसे सैकड़ो हॉस्पिटल चल रहे है जिनका नाही कोई अस्पताल का मानक ही पूरा है और नाही इनके व इनके कर्मचारियों के कोई प्रशिक्षण सम्बंधित डिग्री ही है।

आखिर कब होगी इन हास्पिटलों पर कार्यवाही

अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार व जिले के प्रशासनिक अधिकारी की कब कुंभकर्णी नींद टूटेगी और इन फजी हास्पिटलों के संचालक के ऊपर कार्यवाही होगी। जो केवल धन अर्जित करने के चक्कर में जो मरीजो को केवल कमीशन भरी दवाये ही लिखते है। और जब मामला खराब दीखता नजर आता है तो अपना पल्ला झाड़ लेते है।


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