गठिया जैसी गम्भीर बीमारी का अब मऊ में हो सकता है इलाज

विश्व एंकिजाजिंग स्पॉ्डिलाइटिस दिवस पर डा० एस०के० तिवारी ने दी जानकारी

फ़ास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो

मऊ। 6 मई को विश्व एंकिलॉज़िंग स्पॉ्डिलाइटिस दिवस मनाया गया। इस मौके पर मऊ के जाने-माने गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके तिवारी ने इस बीमारी को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि यह गठिया का रोग 15 साल से लेकर 45 साल की उम्र के बीच के लोगों में अधिक देखा जाता है। साथ ही महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा इसके शिकार होते हैं। इस बीमारी का लक्षण यह है कि व्यक्ति जब सुबह सोकर उठता है तो उसकी कमर में जकड़न महसूस होती है। इसके अलावा करवट बदलने मैं भी उसे दर्द महसूस होता है। उन्होंने कहा कि यह एक अलग तरह की गठिया है।
डॉ. एसके तिवारी ने कहा कि यह बहुत ही जटिल बीमारी है। इसके मरीज में समस्या या आती है कि उसके घुटने में जकड़न पकड़ लेती है। साथ ही गर्दन में भी दिक्कत महसूस होती है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि आज इस बीमारी का अच्छे से इलाज किया जा सकता है। डॉक्टर ने कहा कि ब्लड टेस्ट के जरिए इस बीमारी को पकड़ा जा सकता है। डॉ. एस के तिवारी ने कहा कि अगर इस बीमारी का इलाज करना हो तो आप मऊ में उनसे संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वह गाजीपुर तिराहे पर अपनी मेडिकल शॉप में बैठते हैं।
डॉ. तिवारी ने कहा कि यह गठिया का एक प्रकार है और इस बीमारी में आप चाहें तो एक्सरसाइज करें तो कुछ राहत जरूर मिल सकती है। डॉक्टर के हिसाब से डाइट लें तो राहत काफी हद तक मिल सकती है। उन्होंने ने कहा कि इसका पीड़ित होने पर आपको खट्टी और ठंडी चीज खाने से परहेज करना चाहिए। डॉ एस के तिवारी ने कहा कि बच्चे भी इसके शिकार हो सकते हैं मगर सामान्य तौर पर 15 से लेकर 45 साल की उम्र के लोग इसकी चपेट में आते हैं। इस गठिया से बचने के लिए कुछ परहेज बताए गए हैं जिनका पालन करने से काफी हद तक राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति इस गठिया से पीड़ित होता है तो उसे चलने फिरने में दिक्कत होती है। डॉ. एस के तिवारी ने कहा कि इस गठिया का इलाज करने में बहुत ज्यादा खर्च नहीं आएगा और काफी सस्ते में इसका इलाज किया जा सकता है।


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