स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश के 263 जिला समन्वयको को बिना नोटिस दिये एक साथ किया गया बाहर, मचा हड़कम्प

इस विभाग में पूर्व में कार्य कर चुके एक स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि ऐसे ही हर वर्ष नये लड़को के साथ यह विभाग करता है खेल
फ़ास्ट इण्डिया न्यूज ब्यूरो

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत सभी जिलों में 3 से 4 जिला समन्वयको की नियुक्ति जीम वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एजेंसी के माध्यम से 6 माह के लिये जनवरी 2 जनवरी 2017 से नियुक्ति की गयी थी ।जिसमे सभी जिला समन्वयको को और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक पत्र के माध्यम से बताया गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रोजेक्ट में देरी होने कारणवश एक साथ सभी जिला समन्वयको को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

आपको बता दे कि नियुक्ति के समय सभी जिला समन्वयको की नियुक्ति 6 माह के अनुबन्ध के साथ हुआ था और बताया गया था कि जिसकी कार्य शैली और परफार्मेंस अच्छी रहेगी उसकी समय सीमा बढ़ा दी जायेगी फिर ऐसे में बिना किसी बात की सुचना दिये बगैर एक साथ सभी जिला समन्वयको को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और वह भी पूर्व में बिना किसी सुचना दिये हटा दिया गया है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कही न कही उच्च स्तरीय विभागीय लापरवाही अवश्य रही है। क्योंकि नियुक्ति के दौरान उक्त योजना के नोडल अधिकारी व संयुक्त निदेशक डा0 ए0के0 सिंह और मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक कुमार मित्रा थे।लेकिन जब जिला समन्वयको को दो माह के होल्ड पर करने अर्थात बाहर करने की सुचना सम्बन्धी जो पत्र प्राप्त हुआ है उसमें संयुक्त निदेशक का नाम डा0 राजेंद्र कुमार बताया जा रहा है।वही जिला समन्यक संदीप ,जितेंद्र, अमित, रौनक , गौरव , शशांक शिखा, विकास , अश्वनी आदि ने बताया कि उनके क्लस्टर इंचार्ज ने बताया है की उक्त प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बदल गये है और नये मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर ऐसा किया जा रहा है।

वही उक्त विभाग से एक साथ 75 जिलो में तैनात 263 जिला समन्वयको को बाहर करने से पुरे प्रदेश में हड़कम्प मच गया है।वही सभी जिला समन्वयको में आक्रोश ब्याप्त है और सीएम योगी जी से मिलकर गुहार लगाने की तैयारी में जुट गये है।


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